दिल्ली-पटना के लिए ७-७ और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के लिए एक नाम
दि ल्ली के सात वकीलों को हाईकोर्ट जज के रुप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मंजूरी दे दी है। सीजेआई जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने ४ मई को हुई बैठक में इनके नामों को मंजूरी दी गई है। दिल्ली हाई कोर्ट में जिन वकीलों को जज बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है उनमें, विकास महाजन, तुषार राव गेडेला, मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा, सचिन दत्ता, अमित महाजन, गौरांग कंठ और सौरभ बनर्जी के नाम शामिल हैं। इस समय दिल्ली हाई कोर्ट में कार्यरत जजों की संख्या ३५ है। यहां जजों के कुल ६० पद हैं। पटना में ७ नाम मंजूर इसी तरह पटना हाईकोर्ट में ज्यूडिशियल ऑफिसर के रूप में काम कर रहे 7 लोगों को भी हाई कोर्ट में जज बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इनमें शैलेंद्र सिंह, अरुण कुमार झा,जितेंद्र कुमार, आलोक कुमार पांडे, सुनील दत्त् मिश्रा, चंद्र प्रकाश सिंह और चंद्रशेखर झा के नाम शामिल हैं।
आंध्र में एक जज का प्रस्ताव मंजूर
वहीं आंध्र प्रदेश के एडवोकेट मेहबूब सुभानी शेख को हाई कोर्ट जज के रुप में नामित करने के प्रस्ताव को भी कॉलेजियम ने मंजूदी दी।
यह है योग्यता
बता दें कि किसी हाई कोर्ट में जज के बनने के लिए लॉ की बैचलर डिग्री होनी चाहिए और १० साल तक न्यायिक पर कार्य करने का अनुभव भी होना चाहिए। हाई कोर्ट के जज बनने के लिए न्यूनतम आयु निर्धारित नहीं की गई है, हालांकि ६२ बर्ष की आयु पूरी नहीं हो। हाई कोर्ट में एक चीफ जस्टिस और अन्य जज होते हैं। जहां चीफ जस्टिस राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है, लेकिन उससे पहले भारत के सीजेआई और उस राज्य के राज्यपाल से परामर्श जरूर लिया जाता है। इसके बाद राज्यपाल इसके संबंध में प्रधानमंत्री से परामर्श करके उस राज्य के हाई कोर्ट में जज की नियुक्ति करता है।