इंडियन यूनिकॉर्न कंपनियों के विजनरी बिजनेस लीडर्स की बात जब भी की जाएगी, ड्रीम ११ के को-फाउंडर हर्ष जैन का नाम बेहद सम्मान के साथ लिया जायेगा। सम्मान इसलिए कि हर्ष ने कंपनी को एक ऐसे ग्राउंड पर उतारा जहाँ बहुत कम लोगों का ध्यान जाता है। उन्होंने फैंटसी स्पोट्र्स के सपने को ड्रीम ११ के रूप में साकार कर गेमिंग की दुनिया में अपनी विशेष पहचान बनायी। हर्ष जैन शुरू से ही फैंटेंसी स्पोट्र्स के बड़े दीवाने थे। वह पढ़ाई के लिए विदेश रहते थे। उसी समय उनका मन-मस्तिष्क फैंटेसी स्पोट्र्स में लगा। हर्ष २००१ से इंग्लिश प्रीमियर लीग फैंटेसी फुटबॉल बड़ी दिल्लगी से खेला करते थे।
पढ़ाई करने के बाद हर्ष इंडिया वापस आ गए। उस समय २००८ का दौर था और आईपीएल शुरू होने वाला था। हर्ष फैंटेसी प्लेटफॉर्म्स खोजने लगे लेकिन उन्हें कुछ मिला ही नहीं। जिस देश में क्रिकेट को लोग एक अलग ही धर्म मानते हों, जहां क्रिकेटर्स को भगवान और प्रत्येक जीत को त्यौहार माना जाता हो, ऐसे देश में क्रिकेट फैंटेसी गेम का न होना हर्ष जैन के लिए बिल्कुल हैरान करने वाली बात थी। जबकि, बाहर के देशों में ७० फीसदी स्पोट्र्स फैन्स फैंटेसी ऐप के यूजर थे। इस तरह उन्हें अपना क्रिकेट फैंटेसी ऐप लॉन्च करने का आइडिया आया। उन्होंने अपने नजदीकी दोस्तों को यह आइडिया सुनाया और बचपन के दोस्त भावित ने इस आइडिया पर उनके साथ का करने के लिए हामी भर दिया।
इस तरह हर्ष जैन और उनके दोस्त भावित सेठ ने २००८ में ड्रीम ११ की शुरुआत की। शुरूआती दौर में ड्रीम ११ को क्रिकेट सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म की तरह चालू किया गया, जो सभी यूजर्स के लिए मुफ्त था। ऐप पर आने वाले यूजर्स को पैसे नहीं देने पडत़े थे, लेकिन बीच-बीच में विज्ञापन आ जाते थे। इन्हीं ऐड से ड्रीम ११ की कमाई होती थी। ऐप पर लोग आपस में कम्यूनिटी बनाते थे और खेल के बारे में चर्चा करते थे। अलग-अलग स्पोट्र्स सीजन पर बने फैंटेसी लीग्स पर ब्लॉग्स भी पढसकत़े थे। हालांकि ये बिजनेस मॉडल रेवेन्यू के हिसाब से सही नहीं था। इसलिए, बिजनेस मॉडल को बदलने का फैसला लिया गया।
२०१२ में कंपनी ने ड्रीम ११ का पहली बार फ्रीमियम सर्विस लॉन्च किया। फ्रीमियम सर्विस में यूजर्स होने वाले मैच के प्लेयर्स में से अपनी टीम बना सकते हैं। जो लोग फ्री खेलना चाहते हैं वो टीम बनाकर कॉन्टेस्ट में हिस्सा ले सकते हैं। इसके अलावा यूजर्स पैसे लगाकर भी गेम खेल सकते हैं। जितने लोग पैसे लगाते हैं, मैच खत्म होने के बाद उनकी रैकिंग तैयार होती है और उस हिसाब से जीतने वाली टीम को पैसे मिलते हैं। इस बिजनेस मॉडल को रेवेन्यू के हिसाब से जबरदस्त प्रतिसाद मिलने लगा। यूजर्स से अच्छा रेस्पॉन्स मिलने लगा तो फाउंडर्स ने कैपिटल जुटाने का प्लान बनाया। कंपनी ने अब तक टोटल ९ राउंड में १.६२ बिलियन डॉलर का फंड जुटाया है। कंपनी के मौजूदा इनवेस्टर्स में फालकन एज, एऊ ग्लोबल, १ कैपिटल, टाइगर ग्लोबल और रेडबर्ड कैपिटल जैसे नाम शामिल हैं। २०१९ में स्टेडव्यू कैपिटल से मिले निवेश के बाद कंपनी का वैल्यूएशन १ अरब
डॉलर के पार हो गया और ये यूनिकॉर्न बनने वाली देश की पहली फैंटेसी स्पोट्र्स प्लैटफॉर्म बन गई।
ड्रीम11 ने शुरुआत तो क्रिकेट फैंटेसी प्लैटफॉर्म के तौर पर की थी मगर आज ये फुटबॉल, कबड्डी, एनबीए जैसे गेम्स में खेलने देती है। हुरुन ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स – २०२३ की हालिया रिपोर्ट को मानें तो ड्रीम ११ की मौजूदा वैल्यूएशन करीब ८ बिलियन डॉलर है, जो इंडिया में ऑनलाइन एंड फैंटेसी गेमिंग स्पेस में सबसे ज्यादा है। ड्रीम ११ की पैरंट कंपनी ड्रीम स्पोट्र्स के पोर्टफोलियो में ड्रीम ११, फैनकोड, ड्रीर्में, ड्रीमसेटगो और ड्रीमपे शामिल हैं। फिलहाल, यह पैरंट कंपनी अपने स्पोट्र्स, फैन एंगेजमेंट और फिटनेस पोर्टफोलियो को अब इंडिया के बाहर ले जाना चाहती है।
2012 : कंपनी ने फ्रीमियम
फैंटेसी स्पोट्र्स की ओर रुख किया
- २०१५ : ०३ लाख यूजर्स
- २०१६ : १५ लाख यूजर्स
- २०१७ : ५७ लाख यूजर्स
- २०१८ : १.७ करोड़ यूजर्स
- २०१९ : ५.४ करोड़ यूजर्स
- २०२० : ११ करोड़ यूजर्स
- २०२१ : १२ करोड़ यूजर्स
- २०२२ : १६ करोड़ यूजर्स