नई प्रतिभाओं को प्लेटफॉर्म दिए बिना मनोरंजन संभव नहीं

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इन दिनों ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर नया ट्रेंड चल रहा है। इसमें नए डायरेक्टर्स, कई विषयों पर नई तरह की फिल्में और सीरीज ला रहे हैं। जैसे ताजमहल १‘८‘, अपस्टार्ट, काली खुही, आदि इसके कुछ उदाहरण हैं। इन सब कहानियों को नए निर्देशक हमारे सामने लाए हैं। भारत में हर जगह, शहरों से लेकर कस्बों तक, ऐसी बहुत सी अद्भुत कहानियां, कहानीकार और टैलेंट है, जो एक मौके का इंतजार कर रहा है। भारत में तेजी से ब़ढती स्ट्रीमिंग सर्विसेज की वजह से नई आवाजों को दुनिया के साथ अपनी कहानियां शेयर करने के काफी मौके मिल रहे हैं। इसके तीन कारण हैं। पहला यह है कि भारतीय मनोरंजन की दुनिया में पहले से कहीं ज्यादा कहानियां सुनाई जा रही हैं। आज इंटरनेट के माध्यम से, मोबाइल फोन, लैपटॉप या टेलीविजन पर ज्यादा से ज्यादा कहानियां दिखाने का अवसर है, जिसमें हम अपनी संस्कृति, इतिहास और धरोहरों को दर्शा सकते हैं। दूसरा ये कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए कहानीकारों और प्रतिभाओं को अपनी पसंद की भाषा में कहानी दिखाने का अनूठा मौका मिल रहा है, चाहे वे हिंदी में हों या तमिल, मलयालम में। सबटाइटल्स और डबिंग की वजह से पूरी दुनिया में इन कहानियों को देखने और पसंद करने वाले दर्शक मिल रहे हैं। उदाहरण के लिए नेटपिलक्स पर १९० से भी ज्यादा देशों में ये कहानियां प्रीमियर होती हैं और भाषा तथा देश की कोई सीमा नहीं रह जाती। भारत में हमारे दर्शक किसी भी कोने से, किसी भी इंटरनेट कनेक्टेड डिवाइस के द्वारा, इन कहानियों का मजा उठा सकते हैं। और तीसरा ये कि स्ट्रीमिंग सर्विसेज की कहानियां, उनके पात्र भी हम और आप जैसे ही हैं, जिसके कारण हम उनसे खुद को भलीभांति जो़ड पाते हैं। सबसे अहम है कि फिल्म में जब कोई एक्टर भूमिका निभाए वह उस किरदार को जीवंत कर पाए या एक शो रनर के पास सीरीज को बांध रखने की दूरदृष्टि, महत्वाकांक्षा और क्षमता हो।

नई प्रतिभाओं, आवाजों और अनकही कहानियों को प्लेटफॉर्म दिए बिना भारत की सबसे मनोरंजक और विविध कहानियां कहना संभव नहीं हैं। परदे के सामने और उसके पीछे, दोनों ही तरह के टैलेंट के लिए यह किसी मौके से कम नहीं, जो अपने पहले सपनों को स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर लेकर आते हैं। नए चेहरों से लेकर, नए डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स और राइटर्स तक, ओटीटी प्लेटफॉर्म देश के हर हिस्से से आने वाली प्रतिभाओं और कहानीकारों को उभार कर सामने ला रहे हैं। उदाहरण के लिए २०२० में नेटपिलक्स ने अपनी फिल्मों और सीरीज के लिए १० नवोदित डायरेक्टर्स और नवोदित राइटर्स के साथ काम किया। वहीं, २०२१ में फील्स लाइक इश्क में राधिका मदान से लेकर हसीन दिलरुबा में विक्रांत मेसी तक, युवा पी़ढी के कई सारे सितारों को आप नेटपिलक्स पर देख रहे हैं। स्ट्रीमिंग सर्विसेज ने देश के कई सारे नए क्रिएटिव टैलेंट के लिए दरवाजे खोल दिए हैं और यह ब़ढोत्तरी देखकर काफी खुशी होती है। हमें निश्चित तौर पर नए टैलेंट को ब़ढावा देते रहना चाहिए। यही वजह है कि नेटपिलक्स, बापटा (द ब्रिटिश अकैडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन आट्‌र्स) ब्रेकथू इनिशिएटिव को भारत में समर्थन दे रहा है जो फिल्म, खेल और टेलीविजन में नई पी़ढी के क्रिएटिव टैलेंट की पहचान कर उन्हें सपोर्ट करेंगे। ये नई प्रतिभाएं भारतीय मनोरंजन जगत के बेहतरीन भविष्य को आकार देंगी और हमें इस रचनात्मक लहर का हिस्सा बनने की बेहद प्रसन्नता है।

मोनिका शेरगिल