उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को १० खरब डॉलर तक ले जाने की समय सीमा में बदलाव किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब यह लक्ष्य २०२२-२७ की पंचवर्षीय अवधि में हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। सरकार ने इस लक्ष्य को हासिल करने में सहयोग के लिए कंसलटेंट चयन की कार्रवाई नए सिरे से शुरू करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्ष में ५० खरब डॉलर (५ ट्रिलियन डॉलर) तक ले जाने का एलान किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इसमें १० खरब डॉलर का योगदान यूपी से करने का लक्ष्य तय किया था। इसके लिए आईआईएम लखनऊ के साथ पूरे मंत्रिमंडल व शासन के अधिकारियों ने अध्ययन किया और इस लक्ष्य को पाने में सहयोग के लिए एक कसंलटेंट चयन का फैसला किया था। २०१९ में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए २०२०-२५ की कार्यावधि तय की गई थी। मगर इसी बीच कोविड महामारी से बचाव के लिए लगाए लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गई, जो अब तक पूरी तरह से रपतार नहीं पक़ड पाई है। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीच में इस लक्ष्य के लिए समयसीमा ब़ढाने का प्रस्ताव हुआ तो मुख्य सचिव ने इसे २०२१-२६ करने का सुझाव दिया। लेकिन, जब यह प्रस्ताव सीएम के पास सहमति के लिए गया तो उन्होंने इसे २०२२-२७ तक करने की सहमति दी। दरअसल, यह विधानसभा चुनाव बाद नई सरकार की पंचवर्षीय कार्य अवधि है। उन्होंने इसी आधार पर कंसलटेंट चयन के लिए प्री-बिड कार्रवाई आगे ब़ढाने को मंजूरी दी है।
उप समूह में ये शामिल
अध्यक्ष- संजीव कुमार मित्तल, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त। सदस्य- अपर मुख्य सचिव कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव लोक निर्माण – नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा – अमÀत अभिजात, डीएम गोरखपुर – विजय किरन आनंद, डीएम बाराबंकी आदर्श सिंह और डीएम संतकबीरनगर दिव्या मित्तल। इसके अलावा एक विशेष आमंत्रित सदस्य- नामित अर्थशास्त्री।
पूर्व में यह कार्रवाई शुरू की गई थी, जिसे निरस्त करना प़डा था। अब कंसलटेंट चयन की कार्यवाही मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति करेगी। मुख्य सचिव ने इस समिति के सहयोग के लिए एक उप समूह के गठन का आदेश दिया है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में यह उप समूह गठित किया गया है।