सरकार बनी तो यूपी में आशा वर्कर्स को १० हजार मानदेय मिलेगा
त्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक दलों की तरफ से कई लुभावने वादे हो रहे हैं। कांग्रेस ने भी यूपी में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। दो दिन पहले ही प्रियंका गांधी ने फिरोजाबाद और आगरा में महिलाओं की सभाओं को संबोधित किया। इस दौरान मिलने आईं आशा कार्यकर्ताओं से उन्होंने बड़ा वादा किया। कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह दस हजार रुपया मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा अलग-अलग कामों के लिए मिलने वाला इन्सेंटिव भी ब़ढा दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश की आशा कार्यकर्ताओं के लिए यह ब़डा वादा है। क्योंकि अभी आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय केवल ७५० रुपय प्रतिमाह था। कुछ दिनों पहले ही इसे ब़ढाकर १५०० किया गया है। अब अलग-अलग मदों में मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को मिलाकर एक आशा कार्यकर्ता को करीब छह हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। वहीं, प्रियंका गांधी के चुनावी वादों के अनुसार आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह दस हजार रुपये मानदेय दिए जाएंगे, जबकि अलग-अलग मदों में मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को भी दोगुना कर दिया जाएगा। इस तरह से प्रतिमाह आशा बहनों का मानदेय करीब १७ से १८ हजार रुपये हो जाएगा।
यूपी चुनाव में आशा
कार्यकर्ता क्यों जरूरी?
उत्तर प्रदेश में आशा कार्यकर्ताओं की संख्या करीब २.१० लाख है। इनमें १.५६ लाख से अधिक आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात हैं, जबकि ६० हजार से अधिक शहरी क्षेत्रों में हैं। इनके परिवार के सदस्यों को भी इसमें शामिल कर लें तो यह संख्या करीब पांच लाख हो जाएगी।