भारत के सबसे बड़े आईपीओ यानी भारतीय जीवन बीमा निगम के इनीशियल पब्लिक ऑफर की राह में कठिनाइयों का अंबार दिखाई दे रहा है । दुनियाभर में बढ़ती महंगाई की चिंता के अलावा निवेशकों के लिए फिलहाल मार्केट की गिरावट भी चिंता का एक विषय है । भारत सरकार को राजकोषीय घाटा कम करने के लिए लगभग 60,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है । ऐसे समय में जब ग्लोबल इक्विटी से लगभग 5 लाख करोड़ रुपए निकाल लिए गए हैं, एलआईसी के आईपीओ की लॉन्चिंग से देश के कैपिटल मार्केट की भी अग्निपरीक्षा होना तय है।
पिछले लगातार चार माह से विदेशी फंडों ने भारतीय स्टॉक से धन की निकासी की है और स्थानीय निवेशक पेटीएम के आईपीओ से हुए नुकसान से उबरने की कोशिश में हैं । बसंत माहेश्वरी वेल्थ एडवाइजर्स एलएलपी के को – फाउंडर बसंत माहेश्वरी के मुताबिक, एलआईसी एक बहुत ही बढ़िया आईपीओ है, लेकिन यह समय उसके लिए ठीक नहीं हो सकता है। हालांकि एलआईसी के पास 13 लाख एजेंट और 25 करोड़ पॉलिसी धारकों की संख्या है जो उसके आईपीओ में निवेश करने के लिए तैयार हैं ।