संजीव बजाज: व्यावसायिक उत्कृष्टता के प्रबल पक्षधर

बिजनेस टाइकून और बजाज फिनसर्व के चेयरमैन संजीव बजाज, व्यापार की दुनिया के वो खिलाड़ी हैं जो पारंपरिक नियमों से परे डिजिटलीकरण और नए तरीकों से व्यवसाय करने पर जोर देते हैं।  दूरदर्शी संजीव नए जमाने से कदम मिलाते हुए डिजिटल करेंसी को  और मजबूत बनाने की बात करते हैं।

पुराने दिन गए जब गृहस्थी हो या व्यापार, किसी भी चीज की खरीद-बिक्री के लिए वस्तु विनिमय प्रणाली यानी बार्टर सिस्टम इस्तेमाल किया जाता था। समय के साथ-साथ बार्टर सिस्टम खत्म हो गया और फिर पैसे कमाने और कर्ज लेने की नौबत आ गई। चलो कर्ज लिया तो लिया पर उस कर्ज में लगे सूद को चुकाने में ही लोगों की आधी जिंदगी चली जाती थी। कर्जा देने वाले सुनार हो या जमींदार, मूल राशि यानी प्रिंसिपल अमाउंट के साथ मोटा सूद भी वसूल लेते थे। फिर वक्त बदला और आज कर्ज देना या लेना आसान हो गया है। आज बैंक और गैर-बैंकिंग कंपनियां, लोगों को कम ब्याज दर पर पैसा उधार देती हैं। कर्ज देने वाली इन कंपनियों में अगर किसी का नाम सबसे पहले आता है तो वो है बजाज फिनसर्व।

बजाज फिनसर्व वो गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा कंपनी है जो लोगों की हर छोटी-बड़ी जरूरत के लिए हर तरह का कर्ज मुहैया करती है। बजाज फिनसर्व लोगों को उधार देने के साथ-साथ, संपत्ति, संपत्ति प्रबंधन, धन प्रबंधन और बीमा देने में भी सहायता करती है। लोगों की आर्थिक परेशानियों को ध्यान में रखते हुए कर्ज देकर उनकी मदद करने का ये कदम जोखिम भरा था, पर संजीव बजाज ने अच्छे मकसद और सूझबूझ के साथ अपने इस काम को आगे बढ़ाया। एक नेक मकसद के साथ शुरू किए गए इस काम को संजीव बजाज ने एक दूरदृष्टि व्यापार में तब्दील किया।

जब दशकों पुराने बजाज ग्रुप की चौथी पीढ़ी के वंशज संजीव बजाज ने 2008 में इस गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा कंपनी की बागडोर संभाली तो उस वक्त वह एक कम बैंकिंग और कम बीमा वाले भारत में बड़े बदलाव के बड़े अवसर तलाश रहे थे। संजीव के पास अपनी योग्यता और देश के हित में काम करने का यह एक मौका था। लेकिन कंपनी और लोगों की इन उम्मीदों पर खरा उतरना आसान नहीं था।  संजीव के लिए वित्तीय सेवाएं नई थीं लेकिन उनके अंदर भरे उत्साह ने उन्हें कुछ नया करने की हिम्मत दी। संजीव बजाज ने एक दफा एक इंटरव्यू में इसका जिक्र करते हुए कहा था, हम भारत में कभी भी सबसे बड़ा वित्तीय व्यवसाय नहीं बना सकते हैं, लेकिन हम उत्कृष्टता का निर्माण जरूर कर सकते हैं। आज उनकी बदौलत कई लोगों को वक़्त पर आर्थिक मदद भी मिल जाती है।

सक्सेस स्टोरी का दूसरा नाम संजीव बजाज

बिजनेस टाइकून और बजाज फिनसर्व के चेयरमैन संजीव बजाज, व्यापार की दुनिया के वो खिलाड़ी हैं जो पारंपरिक नियमों से परे डिजिटलीकरण और नए तरीकों से व्यवसाय करने पर जोर देते हैं। दूरदृष्टि संजीव नए जमाने से कदम मिलाते हुए डिजिटल करेंसी को और मजबूत बनाने की बात करते हैं। संजीव ने कैथोलिक कॉन्वेंट स्कूल से स्कूलिंग करने के बाद पुणे विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और फिर वॉरविक विश्वविद्यालय से मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम्स इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया। संजीव, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट डिग्री भी हासिल कर चुके हैं। डिग्री और अनुभव, इन दोनों के साथ संजीव बजाज ने व्यापार की दुनिया में जबरदस्त क्रांति पैदा कर दी।

28 साल पहले 1994 में 24 साल के युवा संजीव बजाज ने अपने पारिवारिक व्यवसाय 99बजाज ऑटो““ से अपने करियर की शुरुआत की थी। बजाज ऑटो में काम के दौरान संजीव ने कई जिम्मेदरियों को बखूबी निभाया। वे कंपनी के फाइनेंस, कानूनी दांव-पेंच और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की देखरेख करते थे। इस दौरान संजीव ने बजाज ऑटो में अमेरिकी शैली की आपूर्ति शृंखला प्रबंधन लाकर बड़ा बदलाव लाया। जिस साल संजीव ने बजाज फिनसर्व का पदभार संभाला, बजाज फिनसर्व को 8 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ लेकिन संजीव इससे विचलित नहीं हुए। उन्होंने फैसला किया कि ग्रोथ महत्वपूर्ण है, लेकिन इसमें लाभ हो ये जरूरी नहीं। कंपनी ने बड़े बैंकों के जरिए बीमा बेचने के बजाए छोटे बैंकों पर ध्यान केंद्रित किया। बजाज फिनसर्व के अलावा संजीव के पास बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस के अध्यक्ष, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस, बजाज फाइनेंस के वाइस चेयरमैन और वर्ष 2012 में बजाज होल्डिंग्स एंड इंवेस्टमेंट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जैसी अतिरिक्त जिम्मेदारियां आ गईं। संजीव ने आत्मविश्वास के साथ सारे कर्तव्यों का निर्वहन किया और 2017 तक, उनके नेतृत्व में, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस भारत की दूसरी सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाली बीमा कंपनी बन गई।

संजीव बजाज एक ऐसे परिवार से आते हैं जिसने सिर्फ बजाज ग्रुप ऑफ कंपनीज जैसे क्रांतिकारी व्यवसाय विचार की नींव रखी बल्कि आजादी की लड़ाई में भी अहम भूमिका निभाई हैं। संजीव बजाज के परदादा और बजाज ग्रुप के संस्थापक जमनालाल बजाज, महात्मा गांधी के बेहद करीब थे, जिन्हें गांधीजी कई दफा अपना पांचवा बेटा कहते थे।

साल 2017 में बजाज फिनसर्व लगातार दूसरी बार फोर्ब्स एशिया फैब 50 में क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ  और बड़ी सार्वजनिक कंपनियों की सूची में शामिल हुई थी। पिछले कुछ सालों में बजाज फिनसर्व ने स्वास्थ्य सेवा, मोटर, समुद्री और फसल बीमा के लिए 10 मिलियन से ज्यादा पॉलिसी जारी कर सामान्य बीमा क्षेत्र में सबसे अधिक लाभदायक हासिल करने वाले प्लेयर हैं। बीमा नियामक एजेंसी घ्‌ींर्‌ीं के अनुसार, बजाज फिनसर्व 2016 में एक साल से बीमाकृत लोगों की संख्या के मामले में निजी जीवन-बीमा क्षेत्र में नंबर 1 पर है। बीमा के क्षेत्र में, बजाज फिनसर्व लगातार तेजी से बढ़ रही है और क्षेत्र की लीडर बनने में सबसे आगे है। आज कंपनी करोड़ों लोगों की पहली और भरोसेमंद पसंद है।

संजीव बजाज के सराहनीय काम ने देश-दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। 2017 में उन्हें ट्रांसफॉर्मेशनल लीडर अवॉर्ड समेत अर्नेस्ट एंड यंग आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। संजीव के काम के साथ उनकी और उनकी कंपनियों की प्रगति होती गई,जो कि देश और देशवासियों की तरक्की में अपना योगदान देती रही। 2018 में इकोनॉमिक टाइम्स अवाड्‌र्स ने उन्हें बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर का खिताब दिया।

ण्घ्घ्‌ के उपाध्यक्ष से लेकर अध्यक्ष तक का मुकाम

2018-19 में संजीव बजाज ने कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (ण्घ्घ्‌) (भारतीय उद्योग परिसंघ), पश्चिमी क्षेत्र के उपाध्यक्ष का पदभार संभाला। उनके उम्दा मैनेजमेंट को देखते हुए उन्हें 2019-20 के लिए ण्घ्घ्‌ पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। इसके पश्चात 2020-21 के लिए, उन्हें ण्घ्घ्‌ के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था। संजीव बजाज ने ण्घ्घ्‌ में अपने योगदान से काफी कुछ नया और बेहतर बनाया जिसके बाद जून 2021 में, उन्हें 2021-22 के लिए ण्घ्घ्‌ के नामित अध्यक्ष के रूप में चुना गया और फिर मई 2022 में, उन्होंने 2022-23 के लिए ण्घ्घ्‌ के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला। ण्घ्घ्‌ की अध्यक्षता के अलावा संजीव बजाज वर्तमान में बजाज फिनसर्व के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं।

महात्मा गांधी का करीबी था बजाज का परिवार

संजीव बजाज एक ऐसे परिवार से आते हैं जिसने ना सिर्फ बजाज ग्रुप ऑफ कंपनीज जैसे क्रांतिकारी व्यवसाय विचार की नींव रखी बल्कि आजादी की लड़ाई में भी अहम भूमिका निभाई हैं। संजीव बजाज के परदादा और बजाज ग्रुप के संस्थापक जमनालाल बजाज, महात्मा गांधी के बेहद करीब थे, जिन्हें गांधीजी कई दफा अपना पांचवा बेटा कहते थे। उनके द्वारा 1920 के दशक में खड़ी की गई बजाज ग्रुप ऑफ कंपनीज के पास आज 24 कंपनियां हैं। जमनालाल बजाज के बाद उनके बेटे कमल नयन बजाज ने पुश्तैनी व्यापार को नई दिशा दी। कमल नयन बजाज, कांग्रेसी थे और तीन बार लोक सभा के सदस्य रह चुके थे,और इसी दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी के बैंक राष्ट्रीयकरण का विरोध किया था। राजनीति और देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के प्रति अपना सारा जीवन लगाने वाले कमल नयन बजाज, बजाज ग्रुप के अधिकांश कंपनियों के अध्यक्ष थे, जिनके बाद उनके बड़े बेटे राहुल बजाज व्यवसाय में शामिल हुए थे। 1965 में राहुल बजाज ने बजाज ग्रुप की बागडोर अपने हाथ में ली। अपने पांच दशकों से अधिक के करियर में, उन्होंने समूह की प्रमुख कंपनी बजाज ऑटो के टर्नओवर को 7.5 करोड़ से 12,000 करोड़ तक पहुंचाया, जिसमें कंपनी का स्कूटर बजाज चेतक, कंपनी के विकास का मुख्य केंद्र रहा। 2008 में उन्होंने बजाज ऑटो को तीन यूनिट्‌स में बांट दिया, बजाज ऑटो, बजाज फिनसर्व सहित एक होल्डिंग कंपनी। राहुल बजाज के बड़े बेटे राजीव बजाज को बजाज ऑटो का मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया गया और वहीं संजीव बजाज ने बजाज फिनसर्व का कार्यभार अपने कंधों पर लिया।

सादगी, मुखरता, ईमानदार और प्रेरणादायक जीवन से पूर्ण राहुल बजाज का जीवन उनके बच्चों और आने वाली कई पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है। अपने पिता राहुल बजाज के दिखाए रास्ते पर चलते हुए संजीव बजाज ने आज बजाज ग्रुप को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। जिस तरह राहुल बजाज लोगों की परवाह करते थे और उनकी मदद के लिए हमेशा आगे रहते थे, ठीक वैसे ही संजीव बजाज ने बजाज फिनसर्व जैसे गैर-बैंकिंग सेवा के जरिए लोगों की सहायता की है।

कई उद्योग कंपनियों के बीच बजाज फिनसर्व का सामना चेन्नई के श्रीराम ग्रुप से लेकर फैब 50 एचडीएफसी बैंक और मुंबई के कैपिटल फर्स्ट तक कई क्षेत्रों में कई कंपनियों के साथ होता है। ऐसे में बजाज हमेशा नए विचारों की तलाश में, प्रौद्योगिकी के साथ भीड़ से खुद को अलग करने  में लगा रहता है। संजीव बजाज के नेतृत्व में बजाज फाइनेंस आज एक घरेलू नाम बन चुका है। संजीव ने अपने परिवार के नक्शे-कदम पर चलते हुए अंतर्राष्ट्रीय पहचान स्थापित की है।

 

अभ्युदय वात्सल्यम डेस्क