भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली अमूमन विनिंग कॉम्बिनेशन में बदलाव के लिए नहीं जाने जाते। भारत ने सेंचुरियन टेस्ट आसानी से जीत लिया था ऐसे में उम्मीद यही है कि जोहानिसबर्ग में शुरू हो रहे सीरीज के दूसरे टेस्ट में वह अपने विनिंग कॉम्बिनेशन से छे़डछा़ड नहीं करेंगे। लेकिन बदले कंडिशंस को देखते हुए शायद वह टीम में एक अतिरिक्त स्पेशलिस्ट बोलर को शामिल करने पर विचार कर सकते हैं। भारत के शीर्ष छह बल्लेबाजों में कोई भी बोलिंग नहीं करता। ऐसे में विराट टीम में पेस बोलर ऑलराउंडर रखना पसंद करते हैं क्योंकि इससे टीम का संतुलन बेहतर हो जाता है। पिछले मैच में टीम ने शार्दुल ठाकुर को पेस बोलिंग ऑलराउंर के तौर पर शामिल किया था। लेकिन सेंचुरियन में शार्दुल सिर्फ दो ही विकेट निकाल सके और बल्ले से भी ज्यादा कामयाब नहीं हुए।
६ विकेट लिए थे ५३ रन देकर अनिल कुंबले ने। १९९२ में जोहानिसबर्ग टेस्ट में इस मैदान पर एक इनिंग्स में किसी भारतीय का यह सर्वश्रेष्ठ बोलिंग प्रदर्शन है।
४ भारतीय बल्लेबाज जोहानिसबर्ग में टेस्ट सेंचुरी ज़ड चुके हैं। ये चार बल्लेबाज हैं – सचिन तेंडुलकर (१९९२), राहुल द्रविड़ (१९९७), चेतेश्वर पुजारा (२०१३) और विराट कोहली (२०१३)
वांडर्रस पर दिख रही घासः बता रहे हैं कि जोहानिसबर्ग में फिलहाल बारिश हो रही है और वांडर्रस की पिच पर घास भी दिख रही है। यानी कंडिशंस पेसर्स के ज्यादा अनुकूल हैं और हेड कोच राहुल द्रवि़ड व कप्तान कोहली इसका फायदा उठाने के लिए शार्दुल की जगह अनुभवी उमेश यादव को शामिल कर चार स्पेशलिस्ट बोलर्स के साथ उतर सकता है। उमेश के पास अनुभव भी है और वह लगातार १३५ किमी प्रति घंटे से तेज रपतार से गेंद फेंक सकते हैं। उनकी मौजूदगी जसप्रीत बुमरा, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज की पेस तिक़डी को और ताकत देगी।
पिछली बार नहीं था स्पिनरः टीम इंडिया जब पिछली बार २०१८ में इस मैदान पर खेली थी तब उसने अपनी एकादश में चार स्पेशलिस्ट पेसर्स के अलावा हार्दिक पंड्या को पेस बोलर ऑलराउंडर के तौर पर शामिल किया था। टीम स्पिनर के बगैर उतरी थी और मुकाबले को ६३ रन से अपने नाम किया था। यानी एक कॉम्बिनेशन ऐसा भी तैयार हो सकता है। ऐसी स्थिति में शार्दुल को तो जगह मिल जाएगी लेकिन ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन बेंच पर चले जाएंगे साल २०१३ में जब टीम इस मैदान पर खेली थी तब अश्विन को एकादश में रखा गया था। हालांकि उस मुकाबले में ४२ ओवर फेंकने के बाद भी अश्विन की झोली खाली रह गई थी।
खेल सकते हैं सात बल्लेबाजः अभी भी जो हालात हैं वो स्पिन बोलिंग के अनुकूल नहीं हैं। थिंक टैंक थो़डी और माथापच्ची करते हुए सातवें बल्लेबाज के तौर पर हनुमा विहारी को भी टीम में शामिल कर सकती है। हनुमा ने विदेशी पिचों पर भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है खासकर मुश्किल हालात वाले पिच पर उन्हें हराना आता है। टीम हालात को देखते हुए बल्लेबाजी को और मजबूत करना चाहेगी। ऐसे में चार स्पेशलिस्ट पेसर्स के साथ हनुमा को इलेवन में रखा जा सकता है, जो थो़डी बहुत स्पिन बोलिंग भी कर लेते हैं।