जोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल को अगर फ़ूड डिलीवरी उद्योग का टेक टाइटन कहा जाये तो बिल्कुल गलत नहीं होगा। उन्होंने टेस्ट(र्ऊीेूा) और टेक (ऊाम्प्) को मिक्स कर लोगों तक स्वादिष्ट व्यंजन पहुँचाने का शानदार काम किया है। कहते हैं किसी को खाना खिलाना सबसे बड़ा पुण्य माना जाता है और ऐसे में लाखों-करोड़ों लोगों तक ख़ाना पहुँचाने का ज़रिया बने हैं दीपिंदर गोयल। आज वह अपनी क़ाबिलियत से पैसे के साथ-साथ पुण्य भी कमा रहे हैं और हजारों लोगों को रोजगार प्रदान कर उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा भी बने हैं।
दीपिंदर के शुरुआती दिनों की बात करें तो उनका जन्म पंजाब के मुक्त सर में हुआ और उनके माता-पिता दोनों ही शिक्षक थे। इसी वजह से घर में पढ़ाई का माहौल बना रहता था। मैथ्स में गहरी रुचि रखने वाले दीपिंदर को दिल्ली के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन मिला और आगे की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली आ गए। दीपिन्दर ने २००५ में आईआईटी से मैथ्स एंड कम्प्यूटिंग में इंटीग्रेटेडएमटेक की डिग्री ली। डिग्री पूरी होने के तुरन्त बाद उन्होंने कंसल्टिंग फर्म बेन एंड कंपनी में बतौर कंसल्टेंट नौकरी जॉइन कर लिया। जोमेटो की शुरुआत दीपिंदर ने अपने दोस्त पंकज चड्ढा के साथ मिल कर की थी। साल २००८ में एक स्टार्टअप के रूप में जोमेटो शुरूहुआ। पहले इसका नाम फूडीबे डॉट कॉम (दिद्ग्र्ींब्.म्दस्) रखा गया था। इसमें दिल्ली और आसपास के करीब १२०० रेस्टोरेंट्स को शामिल किया गया था। आज एक ऑनलाइन फूड पोर्टल के तौर पर जोमैटो ने दुनिया भर के लोगों के लिए लोकेशन, कीमत औरलोकप्रियता के आधार पर रेस्टोरेंट्स की खोज को बहुत आसान बना दिया है। आज लोग चुटकियों में फूड ऑर्डर कर स्वादिष्ट व्यंजनोंका लुत्फ़ उठाते हैं। दो सालों तक यह स्टार्टअप फूडीबे के नाम से ही चलता रहा। फिर साल २०१०-११ में इसका नाम बदलकर जोमैटोकर दिया गया, ताकि लोग इसे याद आसानी से रख सकें और खाने से मिलता जुलता हो। इस स्टार्टअप को लोगों से काफी अच्छाप्रतिसाद मिला। धीरे-धीरे तमाम शहरों के रेस्टोरेंट्स इससे जुडत़े चले गए। हाल के सालों में जोमैटो की बिजऩेस ग्रोथ भारत की सबसे बड़ी इंटरनेट सक्सेस स्टोरी के रूप में सामने आई है। मौजूदा वित्तीय वर्ष-२३ में जोमैटो ने ७,०७९.४ करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त किया है। आज २४ देशों के करीब १००० शहरों में करीब २ लाख १५ हज़ार से ज्यादा रेस्टोरेंट्स जोमैटो के साथ जुड़े हैं। और, कम्पनी के पास औसतन ३ लाख १६ हज़ार फूड डिलीवरी पार्टनर्स हर महीने सक्रिय हैं। दीपिंदर िंएउ को लेकर औरों से थोड़ा अधिक सक्रिय हैं। उनका दावा है कि जोमैटो द्वारा २०३० तक फ़ूड ऑर्डर डिलीवरी के लिएइलेक्ट्रिक वाहनों को १००ज्ञ् अपना लिया जाएगा। वह अक्सर अपनी बात पूरी डेटा के साथ रखते हैं। अपनी जिस काबिल-ए- तारीफ बिजनेस कौशल के माध्यम से दीपिंदर ने ज़ोमैटो को भारत के बाहर भी पहुँचाया है, वह उनकी बेमिसाल लीडरशिप का एक उदाहरण है। बिजनेस कंप्टीशन के जिस दौर में लोग एक-दूसरे को पीछे करने में लगे रहते हैं, वहीं दीपिंदर गोयल टि्वटर के सहारे पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा को उनकी कम्पनी के प्रॉफिटेबल होने पर बधाई देते हैं। किसी दूसरी कम्पनी की सफलता पर ख़ुशी ज़ाहिर करने वाला इंसान असल मायनों में बड़े दिल का होता है।