बिजनेस की यंग चैंपियन

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देश के दिग्गज उद्योगपति रहे विक्रम किर्लोस्कर की बेटी मानसी अब किर्लोस्कर ग्रुप की कमान संभाल रही हैं। मानसी के पास ऑटोमार्केट के फ्यूचर को सही से परख कर निवेश करने का उत्कृष्ट अनुभव है। उनका फोकस अब एसयूवी के अलावा टोयोटा की हाईब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों को भारत में लाने का है। मानसी को अब बिना अपने पिता द्वारा स्थापित कंपनियों को नई ऊंचाई पर ले जाने की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्हें साल २०१८ में संयुक्त राष्ट्र की ओर से उभरती हुई बिजनेस लीडर के तौर पर चुना गया गया। मानसी ने अमेरिका के रोड आइलैंड स्कूल ऑफ डिजाइन से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। उन्होंने पढ़ाई के बाद टोयोटा किर्लोस्कर मोटर में 3 साल की गहन ट्रेनिंग ली। इस दौरान उन्होंने टेक्निकल,मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस को समझते हुए इस इंडस्ट्री को समझने की कोशिश की। इस ट्रेनिंग के बाद उन्होंने अपनी ट्रेनिंग को बिजनेस और मैनेंटमेंट लेवल की ओर बढ़ा दिया। जहां उन्होंने कारोबार को करीब से सीखने की कोशिश की। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वो पिता के साथ कारोबार में हाथ बंटाने लगीं।

मानसी, किर्लोस्कर ज्वाइंट वेंचर के बोर्ड की चेयरमैन भी हैं। उनके हाथों में टोयोटा इंजन इंडिया लिमिटेड, किर्लोस्कर टोयोटा टैक्सटायल प्राइवेट लिमिटेड, टोयोटा मैटिरियल हैंडलिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और डेनो किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों की बड़ी जिम्मेदारी है। पिता के रहते हुए भी मानसी ने कंपनी में कई अहम पदों की जिम्मेदारी का निर्वहन निष्ठापूर्वक किया था और उनके नेतृत्व में कंपनी ने कई क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया था। मानसी के पिता विक्रम किर्लोस्कर भी अपनी बेटी के द्वारा किए गए कार्यों की तारीफ कर चुके हैं। वहीं, अगर मानसी के वैवाहिक जीवन की बात करें, तो उन्होंने साल २०१९ में टाटा परिवार के दिग्गज उद्योगपति नोएल टाटा के बेटे नेविल टाट संग शादी के बंधन में बंधी थीं। बिजनेस के अलावा उन्हें पैटिंग और तैराकी का भी शौक है। १३ साल की उम्र में उनकी पहली पैटिंग को प्रदर्शनी के रूप में लगाया गया था। हाईप्रोफाइल होने के बावजूद भी मानसी को सादगीपूर्ण जीवन जीना ही पसंद है। उन्हें लेखन का भी बहुत शौक है।

पिछले साल नवंबर में ६४ वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पडऩे से मानसी के पिता विक्रम किर्लोस्कर का निधन हो गया था। व्यापार जगत में वे कई क्रांति लेकर आए थे। फॉर्च्यूनर और इनोवा जैसे कारों को भारत में लाने का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है। साल १९९७ में टोयोटा के साथ उनकी डील हुई थी। उन्होंने कारोबार जगत में कई ऐसे डील किए थे जो मील का पत्थर साबित हुए थे। अब उनके निधन के बाद उनकी बेटी को कंपनी की कमान सौंपी गई है। पिता के जाने के बाद मानसी ने ना सिर्फ ग्रुप की कमान अपने हाथों में संभाला है बल्कि वह अपनी माँ गीतांजलि किर्लोस्कर के साथ कंपनी के बेहतर परफॉरमेंस को लेकर बेहद गंभीरता के साथ काम कर रही हैं।

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