डॉ. हबील खोराकीवाला के कुशल एवं प्रभावशाली नेतृत्व में वॉकहार्ट ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फार्मास्यूटिकल, बायोटेक्नोलाजी, नुट्रास्यूटिकल्स, कार्डियोलॉजी व बहुचिकित्सा और शोध आधारित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने वाले देशों की सूची में शामिल कर दिया है।
दूरदर्शिता, सिद्धांतवादिता, स्पष्ट दृष्टिकोण एवं उद्देश्य के प्रति पूर्ण समर्पण- ये ऐसे श्रेष्ठ मानवीय सद्गुण हैं, जिनके माध्यम से व्यक्ति संसार में कुछ भी प्राप्त कर सकता है। योग्यता- पात्रता जैसे विशिष्ट गुण किसी भी व्यक्ति में सहज ही उत्पन्न हो जाते हैं , यदि उसमें कार्य के प्रति उत्कट इच्छाशक्ति और अनवरत कार्य साधना की प्रबल भावना हो। जुनून से प्रेरित दूरदर्शी व्यक्तित्व जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के परचम लहराते हैं और इस प्रकार देश – दुनिया के लिए अनुकरणीय, अनुसरणीय और प्रेरक बन जाते हैं। एक ऐसे ही उत्कृष्ट व्यक्तित्व के धनी हैं, देश के जाने- माने सम्मानित उद्योगपति एवं विद्वान व्यक्तिमत्व डॉ. हबील खोराकीवाला।
डॉ. हबील खोराकीवाला एक ऐसे यशस्वी उद्योगपति हैं जिन्होंने अपनी दूरदर्शिता एवं जुनून के माध्यम से अपना विशिष्ट लक्ष्य प्राप्त किया है। आप वॉकहार्ट को देश का प्रथम स्वास्थ्य सुविधा समूह के रूप में स्थापित करने वाले देश के प्रथम उद्योगपति हैं। आपके व्यापक एवं गहन दृष्टिकोण तथा कुशल नेतृत्व के कारण वॉकहार्ट आज फार्मास्यूटिकल एवं बॉयोटेक्नोलाजी के क्षेत्र में एक बड़ा नाम बन गया है, जो अपने विश्वस्तरीय शोध एवं रणनीतिक सोच के साथ अनवरत अपनी यथेवर दिशा में अग्रसर है। डॉ. हबील खोराकीवाला के कुशल एवं प्रभावशाली नेतृत्व में वॉकहार्ट ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फार्मास्यूटिकल्स, बायोटेक्नोलाजी, नुट्रास्यूटिकल्स, कार्डियोलॉजी व बहुचिकित्सा और शोध आधारित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने वाले देशों की सूची में शामिल कर दिया है। देशभक्त नागरिक, सफल उद्योगपति एवं राष्ट्रसेवी विद्वान व्यक्तित्व के रूप में आपने मानवता की सेवा कर जहाँ एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है, वहीं देश की स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि का सफल प्रयास कर एक राष्ट्रीय कीर्तिमान भी स्थापित किया है। मुम्बई के पूर्व शेरिफ एवं अकबर अली डिपार्टमेंटल स्टोर समूह के अध्यक्ष रहे स्व. श्री. फखरूद्दीन खोराकीवाला जी के आप ज्येष्ठ पुत्र हैं। आपका जन्म १९४७ ई. में. मुम्बई में हुआ। आपके पिता मुम्बई के अत्यंत संभ्रान्त व्यक्ति रहे और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा सोच एवं सामाजिक कार्यों की विरासत को आपने सुयोग्यता के साथ संभालने और उसे आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर उनका सुयोग्य सुपुत्र होने का भी गर्व और यश प्राप्त किया है। आपकी प्रारंभिक शिक्षा मुम्बई में हुई। प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने के बाद आपने अहमदाबाद के एल. एम. कालेज से फार्मेसी में स्नातक किया। इसके पश्चात् आपने पर्ड्यू विश्वविद्यालय से फार्मेसी में ही परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। आपने विश्वविख्यात हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम पूर्ण किया था।
परड्यू विश्वविद्यालय ने हाल में ही डॉ. हबील खोराकीवला को फार्मेसी के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए विशिष्ट भूतपूर्व छात्र के रूप में सम्मानित किया है। आपको सम्मानजनक डाक्टरेट की उपाधि भी प्रदान की गयी। डॉ. फ्रांस कोर्डोवा, अध्यक्ष ने जैसा कि कहा था- यह डाक्टरेट बेहद दुर्लभ है और केवल मानवता में अपना सर्वोच्च योगदान देने वाली हस्तियों को ही दिया जाता है। इसी क्रम में डॉ. क्रैग स्वान्सन – पर्ड्यू विश्व विद्यालय के फार्मेसी विभाग के डीन कहते हैं- यह सम्मानजनक डॉक्टरेट की उपाधि इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि १२५ वर्षों में पहली बार यह उपाधि किसी अर्न्तराष्ट्रीय गैर- अमरीकी को प्रदान की गयी। यह अपने आप में बेहद खास है। विदेश से अपनी शिक्षा पूर्ण कर स्वदेश आए डॉ. हबील खोराकीवाला ने मुम्बई की एक छोटी सी दवाखाना को अधिग्रहित किया तथा लगभग २० लोगों के माध्यम से उसकी शुरुआत की। उन दिनों वार्षिक रूप में आपको ४ लाख रूपये लगान के रूप में प्राप्त हुए। अपने आरंभिक काल से लेकर आज तक वॉकहार्ट एक वास्तविक भारतीय बहुराष्ट्रीय कम्पनी के रूप में निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। डॉ. हबील खोराकीवाला के सफल नेतृत्व में वॉकहार्ट ने वॉकहार्ट फाउंडेशन की सीएसआर गतिविधियों के जरिये कई सकारात्मक कार्य किये हैं। समाज के कमजोर वर्ग के लिए कई सामाजिक एवं नैतिक पहल वाकहार्ट द्वारा की गयी हैं। डॉ. खोराकीवाला का हमेशा से ही यह विश्वास रहा है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में मूलभूत स्तर पर ही विशेषज्ञ परामर्श उपलब्ध करवाया जाये और लोगों तक इसकी पहुँच हो सके, ऐसे माध्यमों को विकसित किया जा सके।
वॉकहार्ट की सीएसआर शाखा, जो वॉकहार्ट फाउंडेशन के तहत संचालित होती है, ने बेहद कम समय में ४ करोड़ ३० लाख लोगों की जिन्दगी पर अपने सामाजिक एवं जनहितैषी कार्यक्रमों से प्रभाव डाला है। हबील खोराकीवाला का विवाह नाफिजा के साथ हुआ। उनके तीन बच्चे हैं, डॉ.हुजैफा, डॉ. मुर्तजा एवं जहाबिया और तीन पोते हैं। उन्हें अपने परिवार से बेहद प्यार है और इसलिए वे उन्हें भरपूर समय देते हैं। वे अपने बच्चों के लिए भी प्रेरणा के स्त्रोत हैं और उन्होंने हमेशा ही अपने बच्चाें को जीवन में अच्छी शिक्षा देते हुए आगे बढऩे और ऊँचाइयों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया है।
हबील खोराकीवाला को प्रबंधन की पढ़ाई, तैराकी, जनहितैषी कार्यों आदि में काफी रुचि है। डॉ. हबील खोराकीवाला का व्यक्तित्व बहुआयामी है और आपकी सेवाओं का क्षेत्र अत्यंत व्यापक है। डॉ. हबील स्वयं में एक विद्वान व्यक्ति हैं और आपकी दूरदर्शिता, सिद्धान्तप्रियता, कर्मठता एवं सेवाभावना आपके वे विशिष्ट गुण हैं जो आपको डॉ. हबील खोराकीवाला बनाते हैं। स्पष्टवादिता एवं समय पालन भी आपके व्यक्तित्व का विशिष्ट गुण है जो आपको पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढऩे में सहायक होता है। आप स्वयं में एक संवेदनशील व्यक्तित्व के धनी हैं तथा देश- दुनिया में अपने विशिष्ट शैली के सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं।
आज के आइने में वॉकहार्ट
वॉकहार्ट ६४० मिलियन अमेरिकी डॉलर की कीमत (२०१७-१८ की रिपोर्ट के अनुसार) वाली फार्मास्यूटिकल कम्पनी है। इसके अनेक कार्यालय और उत्पादन प्लांट भारत सहित यूके, आयरलैण्ड और अमेरिका में स्थित हैं। इस समय वॉकहार्ट की पहुँच रूस, ब्राजील, वियतनाम, म्यांमार, श्रीलंका एवं अनेक अफ्रीकी देश जैसे- केन्या, घाना, नाइजीरिया, तंजानिया आदि के बाजारों तक भी बन चुकी है। चार शोध केन्द्र और १४ उत्पादन प्लांट सहित यह कम्पनी अनेक देशों और महाद्वीपों में लगभग ७५०० लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाते हुए, १४ देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हुए भारतीय मूल की स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाने वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में अपना नाम श्रीर्ष पर स्थापित कर चुकी है। वॉकहार्ट सबसे बेहतर फार्मास्यूटिकल कम्पनियों में से एक है जिसके बहुआयामी आर एंड डी प्रोग्राम हैं और बेहतर गुणवत्तायुक्त उत्पाद हैं। इसके साथ ही वॉकहार्ट के अनेक अंतर्राष्ट्रीय संधि और संयुक्त उद्यम हैं। आज देश के लिए गर्व की बात है कि इस कम्पनी के उत्पादों की बिक्री विश्व के सौ देशों में होती है। वास्तव में, वॉकहार्ट को डॉ. हबील खोराकीवाला जैसा दूरदर्शी और मानवता से ओतप्रोत एक ऐसा सबल नेतृत्व प्राप्त है जो मानवीय संवेदनाओं से भरा हुआ है और मानवता के उच्च मानदण्डों को आत्मसात कर निरन्तर प्रगति पथ पर गतिशील है। वॉकहार्ट की सफलता की गाथा के मूल में प्राणतत्व के रूप में डॉ. खोराकीवाला की दूरदर्शिता, जुनून, कर्मठता और बुद्धिमत्ता का विशिष्ट योगदान है जिसकी परिणति स्वरूप वॉकहार्ट आज देश- दुनिया में एक सम्मानित स्वास्थ्य सुविधा समूह के रूप में प्रतिष्ठित है।
वॉकहार्ट और डॉ. हबील खोराकीवाला
वॉकहार्ट बौद्धिक संपदा के सृजन में काफी आगे है, वर्तमान समय में इस कंपनी ने १,४११ पेटेंट दाखिल किये हैं जिनमें से १४५ पेटेंट इसे प्रदान किये जा चुके हैं। इसकी प्रतिभागिता को देखते हुए भारत सरकार द्वारा लगातार तीन वर्षों से भारत में सर्वाधिक पेटेंट दाखिला एवं ग्रान्ट्स पुरस्कार के विजेता रहे हैं। बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वॉकहार्ट देश की पहली कंपनी है और साथ ही विश्व में तीसरी और पहली एशियाई कंपनी है जिसने इन्सुलिन का बाजारी संस्करण बनाया, उत्पादित किया एवं बाजार में उतारा है। डॉ. हबील खोराकीवाला की दूरदर्शिता ने इस कंपनी को बायोटेक्नोलाजी के क्षेत्र में कुशलता से स्थापित करते हुए इसे मानवीय इन्सुलिन के एनालॉग ग्लार्जिन जिसे ग्लारिट्स कहा जाता है, वह उसका उत्पादन (निर्माता के पश्चात्) करने में सफल हुई है। वॉकहार्ट बायोटेक पार्क का औरंगाबाद में उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने स्वयं किया था।
यूके में स्थित एक संगठन जो चर्चित कॉर्पोरेट ब्रांड्स की निगरानी करने के लिए जाना जाता है, ने वाकहार्ट को भारतीय कारोबार के सुपरब्रांड का दर्जा दिया है। वाकहार्ट लगातार दो वर्षों तक यह दर्जा प्राप्त करने वाली भारत की एकलौती फार्मास्यूटिकल कंपनी है,ये अपने आप में बेहद दुर्लभ है। वाकहार्ट ने यूके स्थित वालिस लैबोरेटरी और सीपी फार्मास्यूटिकल्स समेत आयरलैंड स्थित पाइनवुड हेल्थकेयर, फ्रांस में स्थित नेगमा लैबोरेट्रीज और अमेरिका में स्थित मोर्टन ग्रोव को अधिग्रहित किया है। भारत में टाटा गु्रप से ज़़ुडी मेरिंड इंडिया को भी इसने अधिग्रहित किया है। वॉकहार्ट ने अमेरिका, यूरोप और जापान की कई कंपनियों के साथ इन- लाइसेंसिंग समझौते भी किये हैं।
वॉकहार्ट अस्पतालों के कई विशिष्ट सहभागी (पार्टनर्स) भी हैं, जैसे पार्टनर्स हारवर्ड मेडिकल इंटरनेशनल (पीएचएमआई), बोस्टन स्थित हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की यह अंतर्राष्ट्रीय शाखा है। इसके माध्यम से अत्याधुनिक चिकित्सा प्रणाली की विशेषज्ञता का लाभ चिकित्सा और सर्जरी के क्षेत्र में प्राप्त होता है और साथ ही इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर का विकास दुनिया भर में स्थित अस्पतालों में किया जाता है। डॉ. हबील खोराकीवाला इस बात पर विशेष जोर देते हैं कि तेजी से प्रगति करने के लिए सेवाओं को उपभोक्ता के अनुरूप होना ही चाहिए। उनके इसी अंदाज से उपभोक्ता हमेशा वॉकहार्ट से संतुष्ट रहे हैं और इसलिए यह आज इतनी ऊँचाइयों पर है।
उनकी अपनी कार्यशैली वॉकहार्ट के प्रबंधन प्रक्रिया में साफ दिखाई देती है। खुली- संस्कृति, प्रबंधन से जुड़े अभ्यासों में सहभागिता, नवीनीकरण, नियमित बेहतरी की ओर अग्रसर होना, चुस्ती, सशक्तिकरण और अपने काम के प्रति निष्ठा आदि- वॉकहार्ट की प्रबंधन शैली का हिस्सा है। आप सेंटर फॉर ऑर्गेनाईजेशन एंड डेवलपमेंट, हैदराबाद के अध्यक्ष, निर्देशक मंडल के सदस्य हैं। आप फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) जो देश का सबसे बड़ा और सबसे पुराना कारोबारी संगठन है, जिसकी ८३,००० से अधिक कंपनियां सदस्य हैं और जिसके विश्व के ७९ देशों में संयुक्त कारोबारी परिषद हैं, के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। आईपीए (भारतीय फार्मास्यूटिकल गठबंधन) जो की देश का शोध आधारित फार्मास्यूटिकल कंपनियों का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है, के पूर्व- अध्यक्ष भी सरहे हैं।
रोटरी क्लब, बॉम्बे उत्तरी के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। आईडीएमए (इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन) के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। फिक्की एवं सीआईआई के फार्मास्यूटिकल समिति के पूर्व अध्यक्ष हैं।
भारत सरकार द्वारा नामांकित
- भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा स्थापित राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद् के सदस्य ।
- राष्ट्रीय उत्पादन प्रतियोगिता परिषद के सदस्य,जिसकी स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री. मनमोहन सिंह द्वारा की गयी थी।
- भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की राष्ट्रीय प्रबंधन समिति के सदस्य जिसका नामांकन भारत सरकार द्वारा किया गया था।
- प्रधानमंत्री द्वारा स्थापित सीएसआईआर (वैज्ञानिक एवं औद्योगिक शोध परिषद) के सलाहकार बोर्ड के लिए नामांकित।
- भारत सरकार की वाणिल्य मंत्रालय द्वारा संस्थापित बोर्ट (बोर्ड ऑफ ट्रैड्स) के सदस्य रहे हैं।
- एनआईपीईआर (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) के निदेशक मंडल के सदस्य हेतु भारत सरकार द्वारा नामांकित
प्रखर वक्ता
- विश्व आर्थिक मंच- दावोस
- भारत आर्थिक शिखर सम्मेलन, विश्व आर्थिक मंच
- हार्वर्ड बिजनेस स्कूल हेल्थकेयर कांफ्रेंस, हार्वर्ड बिजनस स्कूल
- लन्दन बिजनेस स्कूल
- इकोनॉमिक टाइम्स – एनडीटीवी इंटरनेशनल ट्रेड फोरम, भारत
- एनडीटीवी अनकॉमन ग्राऊंड
- एनडीटीवी क्वेश्चन टाइम
- इंडिया- स्कॉटलैंड बिजनस फोरम, एडिनबर्ग
- दवाइयों की खोज एवं चिकित्सक विकास पर तीसरी वार्षिक
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी पुरस्कार
डॉ. हबील खोराकीवाला को भारतीय उद्योग एवं कारोबार में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया है। उनमें से कुछ का उल्लेख इस प्रकार है-
वर्ष २००८ में यूके ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट ने इंडिया बिजनस अवार्ड्स २००८ में उन्हें २००८ के इंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर की ख्याति से सम्मानित किया था, यह सम्मान उन्हें अपनी कंपनी को कई अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में शामिल करते हुए एक नई ऊँचाई दिलाने के लिए दिया गया था। यह पुरस्कार उस भारतीय कारोबारी को दिया जाता है जिसके कुशल नेतृत्व द्वारा यूके में उद्योग एवं अच्छा कारोबार स्थापित हुआ हो।
- इंडियन एक्सप्रेस अखबार समूह द्वारा स्थापित एक्सप्रेस फार्मा के तहत फार्मा एक्सीलेंस अवार्ड्स
- हेल्थकेयर एवं लाइफ साइंस श्रेणी में २००४ के युवा उद्यमी
- व्यावसायिक उत्कृष्टता के लिए रोटरी अवार्ड्स (२००३-०४)
- इंस्टिट्यूट ऑफ मार्केटिंग एंड मैनेजमेंट, नई दिल्ली द्वारा २००२ में टॉप सीईओ के शीर्षक से पुरस्कृत
- इंटरनेशनल मेडिकल इंटीग्रेशन काउंसिल द्वारा २००३ में लाइफ टाइम अचीवमेंट
- जाइंट्स २००३ अवार्ड कारोबार एवं उद्योग में उत्कृष्ट योगदान हेतु इंडियन एनालिटिकल इंस्ट्रूमेंट्स एसोसिएशन द्वारा शोध एवं उद्योग में योगदान हेतु लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
- १९९२ में मदर टेरेसा द्वारा उन्हें शिरोमणि विकास अवार्ड से नवाजा गया। यह पुरस्कार उन्हें राष्ट्रीय विकास में उत्कृष्ट एवं प्रेरक योगदान हेतु दिया गया था।
अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान डॉ. खोराकीवाला को हाल ही में मुंबई के एक समारोह में कान्सुलेट जनरल ऑफ स्वीडन का पद दिया गया।